Sunday, August 14, 2016

Ek Jholi Mein Phool Khile Hain, Ek jholi Mein Kaante

इक झोली में फूल भरे हैं, इक झोली में कांटे.....अरे कोई कारण होगा ।

इक झोली में फूल भरे हैं, इक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा ।
तेरे बस में कुछ भी नहीं है ये तो बांटने वाला बांटे...... अरे कोई कारण होगा ।

इक झोली में फूल भरे हैं, इक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा ।


पहले बनती है तकदीरे , फिर बनते हैं शरीर। 
पहले बनती है तकदीरे , फिर बनते हैं शरीर । 
ये तो साईं की कारीगरी है, तू क्यों है गंभीर । 
अरे  कोई कारण होगा । 
तेरे बस में कुछ भी नहीं है, ये तो बांटने वाला बांटे अरे कोई कारण होगा। 

इक झोली में फूल भरे हैं, इक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा । 

नाग भी डस ले तो मिल जाए , किसी को जीवन दान ।
चींटी से भी मिट सकता है किसी का नामोनिशान ।
हा अरे  कोई कारण होगा
तेरे बस में कुछ भी नहीं है, ये तो बांटने वाला बांटे अरे कोई कारण होगा

इक झोली में फूल भरे हैं, इक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा ।
तेरे बस में कुछ भी नहीं है ये तो बांटने वाला बांटे...... अरे कोई कारण होगा |

इक झोली में फूल भरे हैं, इक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा ।

सागर से भी बुझ न पाए, कभी किसी की प्यास
सागर से भी बुझ न पाए, कभी किसी की प्यास
कभी एक ही बून्द से हो जाती है पूरी आस
हा अरे  कोई कारण होगा
तेरे बस में कुछ भी नहीं है ये तो बांटने वाला बांटे......अरे कोई कारण होगा |

एक झोली में फूल भरे हैं, एक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा |

मंदिर मस्ज़िद में जाकर भी कभी न आये ज्ञान
कभी मिले मिटटी से मोती
पत्थर से भगवान, हा अरे  कोई कारण होगा
तेरे बस में कुछ भी नहीं है ये तो बांटने वाला बांटे...... अरे कोई कारण होगा |

एक झोली में फूल भरे हैं, एक झोली में कांटे.......अरे कोई कारण होगा |






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