Sunday, August 14, 2016

Sai Ne jahan Jahan Bhi Jyot Jalai Hai

साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है

साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है,
काली-काली रात में भी रोशनी सी आयी है ।

साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है,
काली-काली रात में भी रोशनी सी आयी है ।

अँखियों को खोल जरा ज्ञान के उजाले में,
रख विशवास पूरा जग रखवाले में । 
साई रखवाला तेरा साईं ही सच्चाई है 
साई धन ही तो तेरी असली कमाई है । 

साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है,
काली-काली रात में भी रोशनी सी आयी है ।

बार-बार भटकेगा ,दुःख बाद जायेगा
एक दर पकड़ेगा नशा चढ़ जाएगा-2
कितनी ही बार यही बात समझी है,
साईं के सिवा हर चीज पराई है
साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है,
काली-काली रात में भी रोशनी सी आयी है । 

साई ओर देख अपनी दुनिया सवार ले
कितना सस्ता सौदा है,ये प्यार दे के प्यार ले-2
जिसने भी सच्चे  दिल से आस लगाई है ,
साई के कर्म ने उसकी आस बंधाई है ।

साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है,
काली-काली रात में भी रोशनी सी आयी है ।
भक्ति के बंधनो को बांध पक्की डोर से,
आँधिया चलेगी इस सफर में बड़े जोर जोर से -2
माना इन रास्तों में घोर कठिनाई है,
लेकिन इन ठोकरों में बड़ी गहराई है। 

साईं ने जहाँ जहाँ भी ज्योत जलाई है,
काली-काली रात में भी रोशनी सी आयी है । 


No comments:

Post a Comment